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GPS क्या होता है? What is GPS In Hindi?

 दोस्तों आज हम जानने वाले है कि GPS क्या होता है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है?  GPS का नाम तो आपने सूना ही होगा ,जब भी हमें किसी जगह जाना होता है तो हम रास्ता और दुरी पता करने के लिए हम अपने समार्ट फोन के मैप में जाकर GPS ऑन करने बाद चेक कर लेते है कि हमें एक जगह से दूसरे जगह जाने में कितना समय और दुरी तय करनी पड़ेगी। वैसे तो आपको पता है होगा कि GPS का फूल फॉर्म "Global Positioning System" होता है। आजकल यह हर समार्ट फोन में होता है। GPS मोबाइल का वह फंक्शन है जिसकी जरुरत हम सबको होती है इसकी मदद से आप दुनिया के किसी भी कोने में जाने का रास्ता तलाश कर सकते हैं। तो चलिये जानते हैं कि आखिर GPS क्या है?


GPS क्या होता है? What is GPS in Hindi?

GPS
gps kya hai. GPS एक Global Navigation Satellite System( ग्लोबल नेविगेसन सैटेलाइट सिस्टम) है जिसका इस्तेमाल धरती पे मौजूद किसी भी जगह का पता लगाने के लिए किया जाता है। जीपीएस आजकल हर एक मोबाइल में मौजूद होता है जिसका इस्तेमाल रास्ता खोजने में लोग करते है।

GPS का फुल फॉर्म "Global Positioning System" होता है। इसे सबसे पहले अमेरिका में बनाया गया जिसे Defence Department के द्वारा बनया गया था। यह साल के 1960 में US Army के द्वारा ही इस्तेमाल किया जाता था लेकिन बाद में यानी की 27 अप्रैल 1995 से यह सभी के उपयोग के लिए बनाया गया। और आज यह हम सब के पास है।

जैसा कि आपने जाना है कि यह रास्ता खोजने की काम आता है तो इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी ज्यादातर ट्रांसपोर्ट में ही इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे कि अगर हमे कहीं जाना है और रास्ता पता नहीं है तो हम अपने फोन के gps को ऑन करके रास्ता खोज सकते हैं, रेल में, हवाइ जहाज, पानी का जहाज, बस, गाड़ी इत्यादि जितने भी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज़ हैं उन सभी में GPS Technology का इस्तेमाल किया जा रहा है।


GPS Tracking क्या होता है?

gps tracking. जीपीएस Satellite के माध्यम से ही काम करता है जिसके लिए भारत ,अमेरिका सहित बहुत से देशों ने अपना अपना Satellite अंतरिक्ष में छोरे हुए हैं। वो सभी Satellite पृथ्वी पर सिग्नल भेजते हैं और उस सिग्नल को पृथ्वी पर प्राप्त किया जाता है जिसकी मदद से हम किसी भी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। इसकी मदद से ना सिर्फ स्थान बल्कि गति, दुरी का भी पता लगाया जा सकता है।

यह चार Satellite की मदद से स्थान चेक करके बिल्क़ुल हमें सही लोकेशन बताता है। जिसकी मदद से हम अपने मंजिल तक पहुँच पाते है। जैसे कि अगर हम अपने फोन की बात करे की satellite कैसे काम करते है तो जानिये 

हमारा फोन जीपीएस receiver की तरह काम करता है हमारा फोन अपने नजदीकी satellite से कनेक्ट होता है और अपने नजदीकी चार satellite से कनेक्ट होता है उसके बाद हम जगह की सही जानकारी देता है ।

GPS के क्या फायदे हैं? और इसका उपयोग क्या है?

Importance of gps. जीपीएस हमें जगह की स्थान का पता ,एक जगह से दूसरे जगह जाने में कितना समय लगेगा और कितना दूर है, ये सब बताता है। यह Global Positioning System होता है जो Satellite की मदद से  काम करता है। 

जीपीएस किसी भी तरह के मौसम में भी काम करता है चाहे मौसम खराब है क्यों ना हो। जीपीएस का इस्तेमाल करने के लिए हम किसी भी तरह का चार्ज नहीं देना होता है यह पूरी तरह से फ्री होता है।

Benifit of gps. जीपीएस का इस्तेमाल निम्नलिखित चिजो के लिए किया जाता है-

  • सही जगह का पता लगाने के लिए
  • सही समय पता करने के लिए
  • रास्ता खोजने की लिए
  • किसी जगह या लोगों का स्थान पता करने के लिए।
आजकल जीपीएस लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है।
जीपीएस आज के इस डिजिटल दुनिया के लिए बहुत ही उपयोगी है।यह बहुत से इंडस्ट्रीज़ में उपयोग में लाया जाता है। यह उस वक़्त भी काम आता है जब कोई आपातकालीन परिस्थिति हो। जैसे कि बाढ़ आने से पहले यह बता देता है कि बाढ़ आने वाली है यह सिर्फ और सिर्फ Satellite की मदद से जीपीएस की द्वारा ही सम्भव है पाया है।

इसका इस्तेमाल तो आजकल intertainment में भी काफी होने लगा है। बहुत से गेम भी आजकल जीपीएस की मदद से ही चल्ते है।


GPS कैसे बना होता है? Structure of gps.

GPS ka full form. GPS का फुल फॉर्म "Global Positioning System" होता है जिसकी मदद से कोई भी अपना खुद का पोजीशनिंग की जानकारी ले सकता है। जीपीएस का संरचना निम्नलिखित तीन ब्लॉक कॉन्फ़िगरेशन है-

  • GPS Satellite( Space Segment)
  • Ground Control Station ( Control Segment)
  • User Segment ( GPS Receivers)
चलिये अब एक एक करके जानते हैं तीनोंं ब्लॉक को-

GPS Satellite - जीपीएस Satellite को धरती के 6 orbit में भेजा जाता है धरती से लगभग 20000 किलोमीटर दूर होता है। यह धरती के चारों ओर 12 घंटे के इंटरवल में घुमता है।

Ground Control Station- इसका काम satellite का मॉनिटरिंग, controlling और maintaining करना होता है। यह satellite का सही positioning बनाए रख्ता है।

GPS Receiver- इसका काम Satellite की द्वारा भेजी गयी सिग्नल को प्राप्त करना होता है। जिसकी मदद से यह काम कर सकता है। इसलिए इसे जीपीएस receiver कहते हैं।

यह भी पढ़ें- Satellite क्या होता है?

Conclusion

मेरे प्यारे दोस्तों आज आपने जाना की GPS क्या होता है? और जीपीएस का इस्तेमाल कहा कहा किया जाता है। जीपीएस से होने वाले फायदे और नुक्सान की भी जानकारी आपको इस लेख से मिल पाया है। यहाँ तक की gps full form. gps meaning in hindi तक की जानकारी आपको मिली है। आपसे अनुरोध है कि आप यह जानकारी आपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर ताकि उसे भी कुछ जानकारी मिल पाए।

धन्यवाद।

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